अध्याय 33
वह पूरे समय पेड़ के नीचे खड़ा रहा, न कहीं गया, न अपने फोन की तरफ देखा, बस मुझे देखता रहा। ऐसे में मैं कैसे सो सकती थी?
जब मैं फिर से खिड़की की चौखट पर झुकी, तो वह धीरे-धीरे खिड़की तक चला आया।
"नींद नहीं आ रही?" उसकी आँखों में ममता भरी थी।
"अगर तुम नहीं जाओगे, तो मैं कैसे सो सकती हूँ?"
वह मुस्कुराया,...
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